Tokyo Olympic : भारतीय हॉकी टीम 49 साल बाद सेमीफाइनल में पहुंची, जानें-टेनिस में किसने मारी बाजी

By: RajeshM Sun, 01 Aug 2021 7:23:25

Tokyo Olympic : भारतीय हॉकी टीम 49 साल बाद सेमीफाइनल में पहुंची, जानें-टेनिस में किसने मारी बाजी

कप्तान मनप्रीत सिंह के नेतृत्व में भारतीय हॉकी टीम ने 49 साल बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। भारत ने रविवार को धमाकेदार खेल दिखाते हुए क्वार्टर फाइनल में ब्रिटेन को 3-1 से मात दी। भारत की तरफ से दिलप्रीत सिंह ने 7वें, गुरजंत सिंह ने 16वें और हार्दिक सिंह ने 57वें मिनट में गोल दागे। ब्रिटेन के लिए एकमात्र गोल तीसरे क्वार्टर के अंतिम मिनट में आया। अब अगले मुकाबले में भारत की बेल्जियम से टक्कर होगी।

बेल्जियम ने एक अन्य क्वार्टर फाइनल में स्पेन को 3-1 से ही हराया है। भारत ने इससे पहले 1972 के म्यूनिख ओलंपिक के सेमीफाइनल मेें जगह बनाई थी। हालांकि भारत 1980 के मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाने में सफल रहा था, लेकिन तब 6 टीमों ने भाग लिया था और टॉप-2 टीमों के बीच फाइनल खेले गया था। आपको बता दें कि भारत ने ओलंपिक हॉकी में 8 गोल्ड, 2 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज जीता है।


टेनिस : ज्वेरेव ने खाचनोव को हरा जीता पुरुष एकल का खिताब

एलेक्जेंडर ज्वेरेव ने रविवार को टेनिस प्रतियोगिता के पुरुष एकल का खिताब जीत लिया। जर्मनी के पांचवीं वरीयता ज्वेरेव ने फाइनल में रूस ओलंपिक समिति (आरओसी) के कारेन खाचनोव को 6-3, 6-1 से हराया। ज्वेरेव ने सेमीफाइनल में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविक को बाहर का रास्ता दिखाया था। यह ज्वेरेव के करियर का सबसे बड़ा खिताब है। छह फुट छह इंच के ज्वेरेव ने दमदार सर्विस और विश्वास से भरे बैकहैंड से मैच पर नियंत्रण बनाए रखा। उन्होंने 25वी रैंकिंग के खाचनोव को कोई मौका नहीं दिया। ज्वेरेव का ग्रैंडस्लैम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पिछले साल यूएस ओपन के फाइनल में पहुंचना था जहां वे दो सेट की बढ़त के बावजूद डोमिनिक थीम से हार गए थे।


टेनिस : बेलिंडा बेनसिक ने स्विट्जरलैंड को दिलाया सोना
दुनिया की नंबर 12 टेनिस खिलाड़ी और ओलंपिक में 9वीं वरीयता प्राप्त स्विट्जरलैंड की बेलिंडा बेनसिक ने देश को स्वर्ण पदक दिलाया। बेलिंडा ने फाइनल में चेक गणराज्य की गैर वरीयता प्राप्त खिलाड़ी माकेर्टा वोंद्रोसोवा को 7-5, 2-6, 6-3 से हरा महिला एकल का खिताब जीत लिया। मुकाबला दो घंटे और 30 मिनट तक चला। स्विट्जरलैंड के लिए यह ओलंपिक टेनिस में तीसरा स्वर्ण है। इससे पहले मार्क रोसेट ने बार्सिलोना 1992 में पुरुष एकल और रोजर फेडरर व स्टेन वावरिंका ने बीजिंग 2008 में पुरुष युगल में स्वर्ण जीता था। बेलिंडा ने अपनी यह जीत फेडरर और मार्टिना हिंगिस के नाम की। फेडरर ने चोट के चलते ओलंपिक में हिस्सा नहीं लिया।

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